DELHI : भारी बारिश और बाढ़ के बाद अब दिल्ली NCR में आंखों की खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है. दिल्ली NCR में आई फ्लू के कारण आंखों में संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। इसका मुख्य कारण मानसून के मौसम में बैक्टीरिया का बढ़ना है। कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा आई फ्लू अत्यधिक संक्रामक है और इससे बचने की जरूरत है।
दिल्ली NCR के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में आँखों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं, मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. दिल्ली में युवाओं में आई फ्लू के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। हालांकि यह आंखों की रोशनी के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन आँखों के डॉक्टर की सलाह लेकर इससे बचाव करना जरूरी बताया जा रहा है।
इस संक्रमण में आंखों में लाली के साथ-साथ पानी आना, दर्द होना या चिपचिपी होने की शिकायत देखी जा सकती है। इस संक्रमण में सर्दी, खांसी और सांस लेने में दिक्कत भी महसूस हो सकती है। मौसम में बदलाब और बैक्टीरिया तथा एलर्जी मुख्य कारण हैं। बरसात के मौसम में ये बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और लोगों के संपर्क में आकर लोगो को संक्रमित करते है ।
अगर आपको भी दिखें ये लक्षण, तो हो जाएं सावधान
आंखों में इन्फेक्शन होने पर आपको आंखों से पानी आना, आंखों में लाली आना, फोटोफोबिया या आंखों से चिपचिपा पदार्थ निकलना ये लक्षण भी दिख सकते हैं। आंखों में इन्फेक्शन के कारण आंखों में दर्द भी हो सकता है जिसके कारण आपको रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत महसूस हो सकती है।
मामलों में तेजी से बढ़ोतरी
दिल्ली के मशहूर विजिटैक आई सेंटर के सीनियर डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि मौसम में नमी के कारण आंखों का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जहां पहले 2-3 मरीज आते थे, वहीं अब ऐसे मरीजों की संख्या बढ़कर 7-8 हो गई है. “.बाहर निकलते समय चश्मे का प्रयोग करें और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। आई फ्लू के मरीजों से सीधे संपर्क से बचें।
आंखों में इन्फेक्शन होने पर इन सावधानियों पर विशेष ध्यान दें
आंखों की यह बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है क्योंकि यह बीमारी अत्यधिक छुआछूत वाली बताई जा रही है। यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं या उससे आँख मिलाते हैं, तो आपके भी संक्रमित होने की अधिक संभावना है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को संक्रमण है तो उसे 3-5 दिनों के लिए अलग कर दें। प्रसार को रोकने के लिए, स्वच्छता बनाए रखें और नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं। संक्रमण होने पर डॉक्टर से संपर्क करें