सावन का महीना सभी हिन्दू धर्म के लोगो के लिए पुरे साल में सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस समय भोलेनाथ शंकर कैलाश से उतरकर पृथ्वी पर आते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। यदि आप भी सावन के महीने में शिव जी की पूजा करते हैं। तो आप भी शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते होंगे। कई लोगो को बेलपत्र चढ़ाने और तोड़ने का सही तरीका नहीं पता है। मानना है की अगर कोई व्यक्ति एक सही तरीके से भगवान शिव को सावन के महीने में बेलपत्र चढ़ाता है। तो भगवान शिव उसकी हर एक मनोकामना को पूरी करते है और अपना आशीर्वाद देते है।
सावन के महीने में शिव जी को बेलपत्र क्यो चढ़ाया जाता है
मानना जाता है की बेलपत्र अर्पण करना पूजा का एक रूप है। जो शिव जी को समर्पित है यह भी मानना है की की बेलपत्र भगवान शिव का एक पसंदीदा वृक्ष है और इस के पते शिवलिंग पर चढ़ाने से आपकी सभी मनोकामना जल्द से जल्द पूरी होती है।
बेलपत्र तोड़ने का सही तरीका इस प्रकार है ।
- ध्यान रखें कि जब भी आप बेलपत्र तोड़ रहे हो वृक्ष की टहनी न तोड़े या फिर वृक्ष को कोई नुकसान ना पहुंचाएं।
- शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि यदि किसी कारणवश आप बेलपत्र नहीं प्राप्त कर सके हैं तो ऐसी परिस्थिति में आप शिवालय पर चढ़ाई गई बेलपत्र को धोकर उनका दोबारा से प्रयोग भी कर सकते हैं।
- बेलपत्र को भूलकर भी चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथिओं पर नहीं तोड़ना चाहिए
- बेलपत्र को कभी भी सक्रांति या फिर सोमवार के दिन नहीं तोड़ना चाहिए।
- यदि ऊपर बताई गई तिथि के अनुसार आपको बेलपत्र अर्पण करना है तो एक शाम पहले ही उसे तोड़ कर अपने पास रख ले।
- इसके अलावा जब भी आप बेल के पत्ते तोड़े तो बेल के वृक्ष को पत्ते तोड़ने से पहले और पत्ते तोड़ने के बाद प्रणाम अवश्य करें।
अगर आप भी इस प्रकार शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाये गए तो आपकी हर एक मनोकामना पूरी होगी और साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।